हम तो जाना जा रहे हैं शहर तेरा छोड़कर
तेरी ख़ुशबू तेरी गलियाँ तेरा रस्ता छोड़कर
कौन बतलायेगा अब ताबीर मेरे ख़्वाब की
लोग मेरे जा रहे हैं मुझ को तन्हा छोड़कर
मुझ को कोई ग़म नहीं है यार मेरी मौत का
तू मगर क्यूँ भाग आया मुझको मरता छोड़कर
शहर में लाई हैं हमको घर की जिम्मेदारियां
वरना हम आते नहीं माँ को अकेला छोड़कर
उसकी बातें सुन कर अब सब चारागर बेहोश हैं
याद उसको कुछ नहीं है मेरा चेहरा छोड़कर
ख़त्म होने का तो ये कुछ नाम तक लेती नहीं
ज़िन्दगी हम आ गये तुझको अधूरा छोड़कर
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