बिना उसके कभी अपना गुज़ारा हो नहीं सकता
मगर वो शख़्स कैसे भी हमारा हो नहीं सकता
मिरा ही आसमाँ मुझपे गिरा कर मुझसे कहते हैं
तिरी दुनिया तिरा कोई सितारा हो नहीं सकता
तुझे तो मान कर अपना लगाया था गले अपने
गला ही काट बैठा तू सहारा हो नहीं सकता
मुझे मालूम है आगे नहीं है रास्ता कोई
जहाँ पर चल रही हो तुम किनारा हो नहीं सकता
हमें आख़िर ग़म-ए-दिल का अभी भी दर्द होता है
कभी भी रंज हमसे अब दुबारा हो नहीं सकता
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