ख़्वाब जो इक देखा है हमने वो पूरा होना भी है
अब उसी को सोचकर के जागना भी सोना भी है
उसको तुमने पा लिया है पर ये भी तुम याद रखना
जो भी चीज़ें हैं मयस्सर उनको इक दिन खोना भी है
भाई बहनों में ये खट्टे मीठे झगड़े होने देना
कल विदाई में लिपट करके उन्हें फिर रोना भी है
ला चुका हूँ मैं कई मोती समंदर में उतर कर
अब समंदर में किसी दिन डूबकर के खोना भी है
तुझको पाने की ख़ुशी में पूरा घर मुस्काया मेरा
तुझको खोने से दुखी कोई सिसकता कोना भी है
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