दिल लगाया दिल लगाना ख़ूब है
मुड़ के उनका मुस्कुराना ख़ूब है
इक हँसी से हो गई दुनिया हसीं
उसपे फिर सब कुछ गँवाना ख़ूब है
वो गले आ कर लगे हमसे कभी
ख़्वाब में दिल बहल जाना ख़ूब है
चल पड़ा हूँ जिस गली राहत नहीं
हाँ मगर अब आना जाना ख़ूब है
वो मुख़ालिफ़ चाल ऐसी चल गया
जीतने से हार जाना ख़ूब है
मैंने ख़ुद भी शर्त ए उल्फ़त मान ली
दिल लगी में जाँ लगाना ख़ूब है
Read Full