Tariq Qamar

Tariq Qamar

@tariqqa903340

Tariq Qamar shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Tariq Qamar's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
हम भी तो ज़िम्मेदार हैं सूरत-ए-हाल के लिये
दस्त-ए-सख़ी में कुछ नहीं दस्त-ए-सवाल के लिये

उस से मैं इस तरह मिला जैसे मुझे ख़बर न हो
करता है कौन साज़िशें मेरे ज़वाल के लिये

फूलों को हर घड़ी रही काँटों से ख़ून की तलब
थोड़ा सुरूर के लिये थोड़ा जमाल के लिये

तुम भी खिंचे खिंचे से थे हम भी बचे बचे रहे
दोनो ही ज़िम्मेदार हैं शीशे में बाल के लिये

कह दो ये शेह्रयार से दारो-रसन सजे रहें
थोड़ा लहू भी शर्त है जाहो-जलाल के लिये

अपनी तबाहियों पे भी खुल के न रो सके कभी
वक़्त ही कब मिला हमें रंजो-मलाल के लिये

बैठे हैं कितने मुत्मइन ख़ुद को दिलासा देके ये
ख़ाक भी होना पड़ता है एक कमाल के लिये

हम भी बड़े अजीब है रहते हैं ख़ुद से मुनहरिफ़
अपनी ख़ुशी से लड़ गए हुज़्नो-मलाल के लिये
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Tariq Qamar