ये तो हमसे आज़ादी की अर्ज़ी है - Akash Gagan Anjaan

ये तो हमसे आज़ादी की अर्ज़ी है
तुम ख़ुदग़र्ज़ नहीं थे यह ख़ुदग़र्ज़ी है

चाहत तो तुम समझ रही हो अच्छे से
आगे मेरी जान तुम्हारी मर्ज़ी है

- Akash Gagan Anjaan
0 Likes

More by Akash Gagan Anjaan

As you were reading Shayari by Akash Gagan Anjaan

Similar Writers

our suggestion based on Akash Gagan Anjaan

Similar Moods

As you were reading undefined Shayari