जितना बुरा हुआ है मेरी दोस्ती के साथ
उतना बुरा नहीं हो कभी भी किसी के साथ
जो पेश आ रहा था बड़ी दुश्मनी के साथ
वो पेश आ रहा है बड़ी सादगी के साथ
इंसानियत का पास भी रखना ज़रूर है
खिलवाड़ क्यों करेंगे किसी ज़िन्दगी के साथ
जो लोग उसको कहते थे दीवाना हो गया
वो देखते है उसको बड़ी बेबसी के साथ
शर्तें हज़ार रख दीं मोहब्बत के वास्ते
अपनाता काश हमको हमारी कमी के साथ
कल क्या हो मेरे साथ नहीं इसका कुछ यक़ीं
होते हैं हादसात सदा आदमी के साथ
साक़ी मैं तेरी बज़्म को कहता हूँ अलविदा
आसान ज़िन्दगी तो नहीं मय-कशी के साथ
महशर के रोज़ तुमको भी देना है कुछ जवाब
मुझपे सितम न ढ़ाओ दम-ए-आख़िरी के साथ
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