बदन तस्वीर-ए-गुल उसकी बना ले मुझको क्या करना
तुझे सपना सजाना है सजा ले मुझको क्या करना
नहीं तू चाँद के जैसी नहीं तू चाँद मेरा है
तुझे रुख़ गर छुपाना है छुपा ले मुझको क्या करना
मेरे सहन-ए-मकाँ पर राज है तो तेरा है जानाँ
इरादा दिल दुखाना है दुखा ले मुझको क्या करना
नहीं है अब तेरे इस हुस्न की हसरत मुझे जानाँ
छली बातों से ख़ुद को मह-लक़ा ले मुझको क्या करना
झुकी नज़रों से शर्माकर मुहब्बत क्यों जताती है
अगर डर लगता है तो रुख़ छुपा ले मुझको क्या करना
Read Full