अब न थोड़ी भी मशक़्क़त हो रही है
और मोहब्बत पे मोहब्बत हो रही है
ताक भी लें गर हसीना कोई हम तो
दिल में अब सीधी बग़ावत हो रही है
ख़ाली था वो जब गया इंसाँ के दिल में
आज फिर शायद इबादत हो रही है
शब मोहब्बत की हिमायत में गुज़ारी
दिन मोहब्बत से शिकायत हो रही है
हो रहा है इश्क़ उस लड़की से मुझको
हर किसी से जिसको चाहत हो रही है
कह रहे हैं बेवफ़ा तुझको वो 'चेतन'
अब मोहब्बत में सियासत हो रही है
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