वो मुखड़े को अपने सजाने लगी है - Shayar Danish

वो मुखड़े को अपने सजाने लगी है
मुहब्बत है मुझसे बताने लगी है

निगाहों से अपनी यूँ अपनी अदा से
मेरे दिल को मुर्शिद लुभाने लगी है

मेरे हाथ को अपने हाथों में रख कर
अदब से मुहब्बत जताने लगी है

ज़मीं और ज़ेवर मकाँ और पैसे
वो मेरे लिए सब गँवाने लगी है

वो मासूम लड़की मैं बे-शक्ल लड़का
मगर फिर भी अपना बनाने लगी है

पहाड़ा मुहब्बत का पढ़ कर के 'दानिश'
अना से बहुत दूर जाने लगी है

- Shayar Danish
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