मेरा सपना देखना सर फोड़ देगा - komal selacoti

मेरा सपना देखना सर फोड़ देगा
अब तमाशा देखना सर फोड़ देगा

एक मुद्दत से ख़सारे में रहा हूँ
अब मुनाफ़ा देखना सर फोड़ देगा

रंग भरने को दर-ओ-दीवार पर आज
वो दिवाना देखना सर फोड़ देगा

कर रहा है आरज़ू दरवेश बच्चा
अब सितारा देखना सर फोड़ देगा

आने दे ज़िंदान-ए-दिल में अपने वरना
ये परिंदा देखना सर फोड़ देगा

चाँद जब बादल उतारेगा बदन से
वो दरीचा देखना सर फोड़ देगा

देखने को रुख़ ज़मीं का उस तरफ़ से
इक सितारा देखना सर फोड़ देगा

आज अपने पेट के ख़ातिर किसी का
एक बच्चा देखना सर फोड़ देगा

- komal selacoti
0 Likes

More by komal selacoti

As you were reading Shayari by komal selacoti

Similar Writers

our suggestion based on komal selacoti

Similar Moods

As you were reading undefined Shayari