ग़ज़ल की रूह तो उसकी रवानी है

  - Yuvraj Singh Faujdar

ग़ज़ल की रूह तो उसकी रवानी है
मियाँ ये बात जल्दी सीख जानी है

तुम्हारी जैसी ही मेरी कहानी है
बस ऐसे ही गुज़ारी ये जवानी है

कल उसको देखा है मैंने किसी के साथ
तू तो कहता था लड़की ख़ानदानी है

वफ़ा तुम तो न कर पाई मगर ये चीज़
तुम्हें बेटी को अच्छे से सिखानी है

मैं भी पागल था सच में कितना पागल था
मैं समझा था मोहब्बत जावेदानी है

तेरे कहने पे उतरा था समंदर में
तुझे ही लाश मेरी अब डुबानी है

  - Yuvraj Singh Faujdar

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