ख़्वाबों में जब आएँगे परेशान करेंगे
हर बार मोहब्बत में हम एहसान करेंगे
बाहर न निकलना कि सर-ए-आम फ़रिश्ते
छेड़ेंगे तुझे ख़ूब परेशान करेंगे
मुश्किल से बहुत लब का हमें जाम मिला है
पीने से ज़रा पहले गऊ-दान करेंगे
पहले तो कि मक़्तल में हम उतरेंगे नहीं और
उतरेंगे तो फिर जंग घमासान करेंगे
पल भर के लिए थोड़ी तुझे अपना बनाया
हर दौर में दिल का तुझे मेहमान करेंगे
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