मेरे लिए तो इश्क़ का वादा है शायरी
आधा सुरूर तुम हो तो आधा है शायरी
रुद्राक्ष हाथ मे है तो सीने में ओम है
कृष्णा है मेरा दिल मेरी राधा है शायरी
अपना तो मेल जोल ही बस आशिकों से है
दरवेश का बस एक लबादा है शायरी
हो आश्ना कोई तो दिखाती है अपना रंग
बे रम्ज़ियों के वास्ते सादा है शायरी
तुम सामने हो और मेरी दस्तरस में हो
इस वक़्त मेरे दिल का इरादा है शायरी
भगवान हो ख़ुदा हो मुहब्बत हो या बदन
जिस सम्त भी चलो यही जादा है शायरी
इस लिए भी इश्क़ ही लिखता हूँ मैं अली
मेरा किसी से आख़री वादा है शायरी
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