नए नए जब हम दुनिया में आए थे
थोड़े रोए चीखे और चिल्लाए थे
दुख तो ये है वो ही हमको समझा नईं
जिसको हम ने सारे राज़ बताए थे
पहले कर ली हम से लड़ाई बात न की
अब कहते हैं तुम ही आग लगाए थे
अच्छा माना सारी ग़लती मेरी थी
तुम ही कौन सा जलती आग बुझाए थे
सोचा इक मौक़ा ही दे दूँ लेकिन तुम
कहाँ ख़बर थी ताने देने आए थे
' अम्बर' अपना कटना बिलकुल लाज़िम था
पहली बार मुहब्बत में जो आए थे
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