ये दूरी मिटाने को जी चाहता है
तुम्हें फिर से पाने को जी चाहता है
मुझे बद-नसीबी इजाज़त अगर दे
मेरा मुस्कुराने को जी चाहता है
मेरे मन में जो है अगर सच कहूँ तो
गले से लगाने को जी चाहता है
बहुत हैं सताने को पर इस तरह से
तुम्हें ही सताने को जी चाहता है
बिज़ी ज़िंदगी में तेरे साथ तन्हा
समय कुछ बिताने को जी चाहता है
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