चलो मिलकर मना लें हम यहाँ पर जश्न-ए-आज़ादी
हो हिंदू सिख या फिर मुस्लिम हो हर घर जश्न-ए-आज़ादी
लहू जिनका बहा इंग्लिश हुकूमत से लड़ाई में
उन्हीं को याद करने का है अवसर जश्न-ए-आज़ादी
जो बच्चे जश्न-ए-आज़ादी पे झंडे बेचते दिखते
मना पाते नहीं हैं वो ही अक्सर जश्न -ए-आज़ादी
खड़ा है तान कर सीना जो सरहद पर मेरा भाई
तभी तो हम मना पाते बिना डर जश्न-ए-आज़ादी
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