Amit Gautam

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@amitg.230

amit gautam shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in amit gautam's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
आश्नाई कभी अपनी भी थी दो चार के साथ
महफ़िलों में जो बुलाते बड़े इसरार के साथ

हमने उनको है रखा दिल में सजाकर ऐसे
जैसे तस्वीर लगा दे कोई दीवार के साथ

शहर का एक ही अख़बार जो सच बोलता था
हाथ उसने भी मिलाया हुआ सरकार के साथ

और देता है तो दे दर्द-ए-मुहब्बत ज़ालिम
लुत्फ़ आता है मुझे जीने में आज़ार के साथ

कल तलक जिसको सिखाया था पकड़ना छूरी
मुझको ही काट रहा है वो बड़े प्यार के साथ

बाप की पगड़ी की भी शान तुझे है रखनी
इज़्ज़त-ए-नफ़्स जुड़ा है मियाँ दस्तार के साथ

पिछली सर्दी में थी शादी मेरी महबूबा की
फूल भी ले गया था मैं वहाँ उपहार के साथ

मुझको ये इल्म है वो अब भी है दुश्मन मेरा
फूल क्यों लाया है फिर यार वो तलवार के साथ

आपकी बज़्म में आना था तो यारो हमने
ये ग़ज़ल पेश की है ताज़े से अशआर के साथ
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