use ham se shikaayat hai karein kya | उसे हम से शिकायत है करें क्या

  - Anchal Maurya

use ham se shikaayat hai karein kya
hamein uski zaroorat hai karein kya

nazar hatti nahin chehre se uske
vo itni khoobsurat hai karein kya

karein ham jitni bhi taarif kam hai
vo chalti phirti aafat hai karein kya

use qiston mein ham jo karte hain yaad
hamein itni hi fursat hai karein kya

jo ham chahein hamein milta nahin vo
ab apni aisi qismat hai karein kya

badalte rang hain girgit sanam ke
badalna inki fitrat hai karein kya

maslakar zakhm ko karti hai naasoor
ye duniya kii haqeeqat hai karein kya

parindon ne banaaye hi nahin ghar
unhen toofan se vehshat hai karein kya

khata ismein nahin anchal kisi kii
vo ladki hi museebat hai karein kya

उसे हम से शिकायत है करें क्या
हमें उसकी ज़रूरत है करें क्या

नज़र हटती नहीं चेहरे से उसके
वो इतनी ख़ूबसूरत है करें क्या

करें हम जितनी भी तारीफ़ कम है
वो चलती फिरती आफ़त है करें क्या

उसे क़िस्तों में हम जो करते हैं याद
हमें इतनी ही फ़ुर्सत है करें क्या

जो हम चाहें हमें मिलता नहीं वो
अब अपनी ऐसी क़िस्मत है करें क्या

बदलते रंग हैं गिरगिट सनम के
बदलना इनकी फ़ितरत है करें क्या

मसलकर ज़ख़्म को करती है नासूर
ये दुनिया की हक़ीक़त है करें क्या

परिंदों ने बनाए ही नहीं घर
उन्हें तूफाँ से वहशत है करें क्या

ख़ता इसमें नहीं 'अंचल' किसी की
वो लड़की ही मुसीबत है करें क्या

  - Anchal Maurya

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