सुनो भाई मुबारक हो खरा सौदा मिला तुमको
उगाया शूल फिर बदले वही काँटा मिला तुमको
बहुत मुश्किल हुई लेकिन चलो मंज़िल तलक आए
यहाँ जिस वास्ते आए बताओ क्या मिला तुमको
ख़ुदा ने सोच कर के ये नहीं ज़्यादा दिया तुमको
उसे तुम भूल जाओगे अगर ज़्यादा मिला तुमको
जहाँ पर फेंक के पायल घड़ी देखा निकल भागी
उसी बरगद तले क्या कंद का पौधा मिला तुमको
हुआ नुक़्सान होगा जब वफ़ा का इसलिए शायद
बहुत बोला करे जो आदमी गूॅंगा मिला तुमको
सजे बिंदी नचे बाली जचे कंगन मगर बोलो
मिरा दिल तोड़ने के बाद क्या मुझ सा मिला तुमको
बहुत पहले लुटाया दिल बहुत पहले मोहब्बत में
जहाँ टूटा कभी था दिल वहाँ टुकड़ा मिला तुमको
मुहल्ले में बड़े बाबू नई मोटर घुमाते जब
मुहल्ला पूछता है और क्या गौना मिला तुमको
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