शेर सुने या जादू चलता देख लिया
तूने मुझ में ऐसा भी क्या देख लिया
फिर से खुल के हँसने को जी करता है
फिर से कोई इश्क़ में रोता देख लिया
मैंने शाल ख़रीदी देख के रंगों को
उस पगली ने महंगा सस्ता देख लिया
कई बरस तो साथ रहे , अब कहते हो
'हुक्म' नहीं है काम का बंदा देख लिया
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