उसे इक भी नहीं मिलता जो मरता है हज़ारों पर
अगर है चाँद की ख़्वाहिश नज़र रखना न तारों पर
किसी के सामने झुकना ज़रा सा सोच के वरना
बड़ी ज़ालिम है ये दुनिया नचाएगी इशारों पर
भला इस देश का करने बताओ कौन आएगा
अगर मरता रहेगा नौजवाँ फ़िल्मी सितारों पर
मुहब्बत में तुम्हें धोखा अगर खाना नहीं यारो
नज़र रखना हमेशा यार के उम्मीदवारों पर
दिया ख़ुद का जलाना जब उजाले की ज़रूरत हो
भरोसा तुम नहीं करना फ़लक के चाँद तारों पर
सिवा मरने के कोई और रस्ता था नहीं सागर
किसानों ने भरोसा कर लिया था ताजदारों पर
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