उसके लिए दिल में अभी भी प्यार है
आख़िर मिरा दुश्मन पुराना यार है
बस इक दफ़ा मिलकर है उस से पूछना
क्या बिन मिरे गुलशन तिरा गुलज़ार है
तेरे बिना भी ज़िंदगी है ज़िंदगी
पर सच कहूँ तेरे बिना बेकार है
तुझसे मुहब्बत है मुझे बे-हद मगर
ये एक-तरफ़ा प्यार का इज़हार है
जिस हादिसे ने तोड़ डाला दिल मिरा
वो हादिसा इक बे-वफ़ा का प्यार है
उसको लगेगा रोज़ इक पत्थर नया
यारो जहाँ में पेड़ जो फलदार है
जिसको मुहब्बत से मुहब्बत है नहीं
वो शख़्स ज़ेहनी तौर पे बीमार है
उसकी जबीं चूमो उसे तुम प्यार दो
बस प्यार ही बीमार का उपचार है
मैं इश्क़ जैसे हादिसे से दूर था
पर हादिसा होने को ये तैयार है
तुम सब जिसे कहते हो सोशल मीडिया
वो बे-हयाई का नया बाज़ार है
इंसानियत है मर चुकी इंसान की
पढ़ लो ख़बर ये आज का अख़बार है
'सागर' तुझे किसने कहा तू इश्क़ कर
तेरे लिए ये शय बहुत बेकार है
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