हिस्से में इश्क़ मेरे क़ब्ज़े में इश्क़ है अब
हर चीज़ भाव में बस सस्ते में इश्क़ है अब
कॉपी किताब क्या है कहते हैं आज बच्चे
मैंने कहा है इन के बस्ते में इश्क़ है अब
करने लगा हूँ मैं भी जब से ये शायरी तो
देखा है गाँव के हर लड़के में इश्क़ है अब
इक रोज़ कह रहे थे राधा से श्याम अब तो
हर एक आदमी के क़िस्से में इश्क़ है अब
पहले पहल हमारी सच दोस्ती हुई थी
अब दोस्त हम नहीं हैं रिश्ते में इश्क़ है अब
दोनों ही अपने हाथों से रब ने थे तराशे
दुनिया है दूसरे पर पहले में इश्क़ है अब
पूछा ख़ुदा ने मुझ से दौलत है या मुहब्बत
कह दी ख़ुदा से मेरे हिस्से में इश्क़ है अब
मौला बता दे तेरा क्या है यही तमाशा
महलों में जिस्म है अब रस्ते में इश्क़ है अब
कमलेश का है कहना सब मोह सब है माया
पर्दे में धन कमाया शीशे में इश्क़ है अब
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