उन्स उनसे है उन्हें देकर बयाना दिल का हम
पूछते हैं फिर उन्हीं से हासिली क्या चीज़ है
उनके गेसू का उलझना बालियों में क्या कहें
ख़ुद निदा बे-ख़ुद खड़े हैं आगही क्या चीज़ है
As you were reading Shayari by Karal 'Maahi'
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