अब न होनी है बात सो जा तू
कोई है उसके साथ सो जा तू
याद कर बेवफ़ाई वाला दिन
और भुला दे ये रात सो जा तू
देख पंखा है और रस्सी भी
टाल दे हादसात सो जा तू
नींद और ख़्वाब को सँजोकर रख
हैं यही ज़ेवरात सो जा तू
ख़त पुराने वो ख़त नहीं हैं अब
फाड़ दे काग़ज़ात सो जा तू
कुछ नहीं लिखता सिर्फ़ रोता है
रख कलम और दवात सो जा तू
तीर की वापसी है नामुमकिन
देखनी क्या बरात सो जा तू
चोर को चोर से दे टकराने
होने दे वारदात सो जा तू
तेरे हाथों में कुछ नहीं आना
मौत हो या हयात सो जा तू
फिर मुहब्बत नहीं नहीं भाई
याद कर तजरबात सो जा तू
नोट हों तो चमार लाला क्या
फिर कहाँ जात पात सो जा तू
बाप के जूते भरने हैं ना बस
मार दे ख़्वाहिशात सो जा तू
अक़्ल की बात अब बताता हूँ
आएँ जब मुश्किलात सो जा तू
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