तड़प कर क्या मिला है प्यार में
दु:खी तुम हो, गये बेकार में
यही समझा है दोनों ने अभी
ख़ुशी दोनों की है इंकार में
मुनाफ़ा है कहीं नुकसान है
लगा रहता है ये व्यापार में
मोहब्बत में यही लगता रहा
हमारी जीत है इस हार में
मेरा तो हमकदम कोई नही
मैं चलता हूँ बड़ी रफ़्तार में
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