जहाँ पर नफ़रतों के खुरदुरे दस्तूर होते हैं - Mahesh Katare Sugam

जहाँ पर नफ़रतों के खुरदुरे दस्तूर होते हैं
वहाँ पर प्यार के क़िस्से बहुत मशहूर होते हैं।।

ये रिश्तों के उजाले भी चमकते और बुझते हैं,
कहीं ये अश्क होते हैं कहीं सिन्दूर होते हैं ।।

बदलते हैं जो कपड़ों की तरह अपने इरादों को
बहुत खुदगर्ज़ होते हैं बहुत मगरूर होते हैं ।।

तुम्हारे गाँव में आकर मैं इतना जान पाया हूँ,
सभी रिश्ते यहाँ पर प्यार से भरपूर होते हैं ।।

दिलों की इस शरारत को समझना है बहुत मुश्किल,
वही क्यूँ याद आते हैं जो हमसे दूर होते हैं ।।

- Mahesh Katare Sugam
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