दिन कट रहे हैं कश्मकश-ए-रोज़गार में

  - Majeed Amjad

दिन कट रहे हैं कश्मकश-ए-रोज़गार में
दम घुट रहा है साया-ए-अब्र-ए-बहार में

  - Majeed Amjad

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