तन्हा बेज़ार ही रहने दो
सबको उस पार ही रहने दो
क्या पता लौट आए वो फिर
मुझको बीमार ही रहने दो
माना धोखा है ये इश्क़ पर
लब सिले यार ही रहने दो
कट ही जाएगी ये रात भी
आँखों में प्यार ही रहने दो
चोट खाएंगे हर बार हम
दिल को दीवार ही रहने दो
क्या पता इश्क़ उसको भी हो
जलती ये ग़ार ही रहने दो
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