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एक फ़रिश्ते का किरदार होना पड़ता हैं - Praveen Bhardwaj

एक फ़रिश्ते का किरदार होना पड़ता हैं
यारों दोस्ती में वफ़ादार होना पड़ता हैं

कोई चिठी जवाब में ख़ैरियत नहीं पूछती
इसके लिए हमें अब बीमार होने पड़ता हैं

अब हर रोज दोस्तों से मिलने के खातिर
हर एक सुबह हमें अखबार होना पड़ता हैं

जाने क्यों 'सच' में इस कदर मनहूसियत हैं
जब भी बोलो तो दरकिनार होना पड़ता हैं

एक तरफ़ हम हैं और एक तरफ़ हैं ग़म
भरी महफ़िल में यार सर्मसार होना पड़ता हैं

ख़्वाब था कि इस पार काटे पूरी ज़िंदगी
मग़र तेरा सितम हैं, उस पार होना पड़ता हैं

- Praveen Bhardwaj

Wafa Shayari

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