क्या ये दम तोड़ चुकी रौशनी मेरे अंदर
किस लिए आग नहीं लग रही मेरे अंदर
ठक ठकाता हूँ अगर है कोई मेरे भीतर
क्यूँ नहीं सुनता कोई मेरी मेरे अंदर
उसने बस इतना कहा अच्छा तो मैं चलती हूँ
इतने में रात सी होने लगी मेरे अंदर
उसने मुझको तो मोहब्बत से नवाज़ा लेकिन
वो सदा गूँजती ही रह गई मेरे अंदर
वरना तो जा चुका था ख़ुदकुशी के रस्ते मैं
मुझको थामे हुई थी शाइरी मेरे अंदर
दुनिया के शोर शराबे से हटा तो स्वर्णिम
शोर करने लगी फिर ख़ामुशी मेरे अंदर
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