आज उसकी याद मुझको यूँ सताए
आ गयी ये बे हया फिर हाए हाए
आज दामन कौन मेरा फिर बचाए
वो नहीं अब साथ मेरे जो सुझाए
गिनते-गिनते जुर्म अपने रात आए
रात ऐसी आ गयी अब जो न जाए
प्यार में मारे हुए को क्या ख़बर हो
कौन उसके पास आए, कौन जाए
हो गयी कुछ बात ऐसी क्या करें हम
आज देखो वो तो नज़रें तक बचाए
जिस से चाहो पूछलो सब को ख़बर है
हाल मेरा , दर्द मेरा वो बताए
जब कभी उससे मिला तो पूछता हूँ
तुम मुझे यूँ इन दिनों क्यों याद आए
है बड़ी मुश्किल ख़ुदा या रोज़ की ये
मानती है वो कहाँ कुछ बिन मनाए
सोचता हूँ जब कभी भी इस ख़ुदा को
वो ख़ुदा जैसे मुझे तब आज़माए
ग़म रहा 'तोयेश' अपना तो यही बस
हम उसे अब तक कहाँ कुछ बोल पाए
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