आप को ये जान जाना चाहिए
आप जो हों फिर हमें क्या चाहिए
मुश्किलों को आज़माना चाहिए
ग़म में भी तो मुस्कुराना चाहिए
आपके दिल में गुज़ारा चाहिए
मेरे दिल को ये ठिकाना चाहिए
फ़ासला जब भी मिटाना चाहिए
हर ख़ता को भूल जाना चाहिए
उनको अक्सर यूँ मनाना चाहिए
उनसे ही ख़ुद रूठ जाना चाहिए
ज़िंदगी जीना बड़ा आसान हो
चाहिए बस इक बहाना चाहिए
बात फिर से हो सकेगी पर यूँ तो
चाहिए इस में ज़माना चाहिए
बात बिगड़ी प्यार के इज़हार से
प्यार जिससे हो छुपाना चाहिए
हर ख़ुशी के साथ ग़म भी है जुड़ा
ग़म में सब को ये सुझाना चाहिए
बाल खोले वो चले तो ये लगे
अब हवा को भी तो आना चाहिए
जिस ज़मीं पे वो चले उसको सदा
फिर फ़लक कहके बुलाना चाहिए
आप क्या ये भी बताएँगे हमें
आइने को क्या दिखाना चाहिए
क्या बताएँ शाम का क्या रंग है
रंग उसका रंग-लाना चाहिए
फ़न हमारा तो यही है और बस
यूँ रुलाकर फिर हँसाना चाहिए
पूछिए हम से कभी तो पूछिए
आपको तोयेश! अब क्या चाहिए
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