इस दुनिया में यारों मिरा कोई नहीं
याँ एलिया जैसा हुआ कोई नहीं
तेरे लिए जाएँगे मर कहते हैं सब
सो आज तक यारों मरा कोई नहीं
ये उम्र मैंने काट दी उसके लिए
राह-ए-सफ़र में सो मिला कोई नहीं
थक हार कर मैं बैठ जाता हूँ यहाँ
उसका पता मुझको दिया कोई नहीं
ज़ख़्मों को मेरे सब ने देखा था मगर
ज़ख़्मों को मेरे फिर सिला कोई नहीं
सो मैं पुकारूँ किसको, आए कौन अब
मेरे बराबर में खड़ा कोई नहीं
मैं हँस रहा हूँ, चेहरे पर मत जाओ तुम
इस दुनिया में मेरा रहा कोई नहीं
तुम ख़ुश रहो जानाँ फलाँ के घर में अब
तुम ख़ुश रहो, मेरी दुआ कोई नहीं
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