तू पैरोकार लैला की है शिरीन की पुजारन है
मगर तू जिसपे बैठी है वो सोने का सिंहासन है
तेरी पलकों के मस्कारे, तेरे होठों की ये लाली
ये तेरे रेश्मी कपड़े ये तेरे कान की बाली
गले का ये चमकता हार, हाथों के तेरे कंगन
ये सब के सब है मेरे दिल मेरे एहसास के दुश्मन
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