Akmal Imaam

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Akmal Imaam shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Akmal Imaam's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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Shayari
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  • Ghazal
ज़िंदगी तेरे अजब ठोर-ठिकाने निकले
पत्थरों में तिरी तक़दीर के दाने निकले

दर्द टीस और जलन से हैं अभी ना-वाक़िफ़
ज़ख़्म जो बच्चे हथेली पे उगाने निकले

मैं तो हर शय का ख़रीदार हूँ लेकिन वो आज
इतनी जुरअत कि मिरे दाम लगाने निकले

नई तहक़ीक़ ने क़तरों से निकाले दरिया
हम ने देखा है कि ज़र्रों से ज़माने निकले

तल्ख़ जुमलों के कहाँ तीर ख़ता हो पाए
देखने में तो ग़लत उस के निशाने निकले

ज़ेहन में अजनबी सम्तों के हैं पैकर लेकिन
दिल के आईने में सब अक्स पुराने निकले

दे न पाया वो कोई वा'दा-ख़िलाफ़ी का जवाज़
मुज़्महिल उस के न आने के बहाने निकले

मैं तो ख़ुशियों के उगाता रहा पौदे 'अकमल'
और हर शाख़ पे ज़ख़्मों के ख़ज़ाने निकले
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Akmal Imaam
गुज़रते दौड़ते लम्हे हिसाब में लिखिए
हक़ीक़तों की तमन्ना भी ख़्वाब में लिखिए

अज़िय्यतें ही न अपनी किताब में लिखिए
सुकूँ का पल भी तो साँसों के बाब में लिखिए

हर एक हर्फ़ से जीने का फ़न नुमायाँ हो
कुछ इस तरह की इबारत निसाब में लिखिए

हर एक जुम्बिश-ए-लब और दिल की हर धड़कन
सदा यक़ीन बनी इंक़लाब में लिखिए

बसीरतों की ज़िया पर न हर्फ़ आ जाए
मैं अक़्ल-ओ-होश अभी तक हिजाब में लिखिए

सवाल बन के उभरते हैं दर्द के सूरज
सुकूँ का चाँद ही सब के जवाब में लिखिए

मिली हैं दिन की अधूरी मसाफ़तें शब को
चमकते शाम-ओ-सहर किस हिसाब में लिखिए

सुलगते जिस्म का एहसास दर्द के जुगनू
अँधेरी शब के गुज़रते हिसाब में लिखिए
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