Chandra Shekhar Varma

Chandra Shekhar Varma

@chandra-shekhar-varma

Chandra Shekhar Varma shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Chandra Shekhar Varma's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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ग़ज़ल तुम को सुनाने के बहाने ढूँड लेता हूँ
मैं यूँ ही मुस्कुराने के बहाने ढूँड लेता हूँ

मैं काफ़िर हूँ ख़ुदा के दर कभी सज्दा नहीं करता
मगर मैं सर झुकाने के बहाने ढूँड लेता हूँ

कोई भी खेल हो मैं एहतियात इतनी बरतता हूँ
मैं पहले हार जाने के बहाने ढूँढ लेता हूँ

नहीं दिखता है मुझ को ठीक से अब दूर का कह कर
तिरे नज़दीक आने के बहाने ढूँड लेता हूँ

मैं उस के दर पे जा कर माँगता हूँ हाथ जब तेरा
ख़ुदा को आज़माने के बहाने ढूँड लेता हूँ

तिरी महफ़िल में आता हूँ पहन कर धूप का चश्मा
नज़र तुझ पर टिकाने के बहाने ढूँड लेता हूँ

मैं ला-जवाब हूँ लेकिन है अक़ीदा ईद पर मेरा
गले तुझ को लगाने के बहाने ढूँड लेता हूँ

है मक़्सद ये कि लोगों के कलेजों को मिले ठंडक
मैं अपना दिल जलाने के बहाने ढूँड लेता हूँ

बहुत ज़ोरों से हँस पड़ता हूँ मैं बिन बात के अक्सर
मैं यूँ आँसू बहाने के बहाने ढूँड लेता हूँ
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Chandra Shekhar Varma
कहीं चंदन महकता है कहीं केसर महकता है
ये ख़ुशबू है बुज़ुर्गों की जो मेरा घर महकता है

वो अपनी झुर्रियों वाली हथेली में दुआ भर कर
जो छू देते हैं मेरा सर तो मेरा सर महकता है

अगरबत्ती के जैसा हो गया है दिल हमारा अब
वो अपने देवता के सामने जल कर महकता है

तुम्हारे शहर में अब तो बहारें भी हुई बासी
हमारे गाँव आ जाओ यहाँ पतझड़ महकता है

मिरे इस जिस्म की अपनी कोई ख़ुशबू नहीं लेकिन
महकता हूँ मैं इस कारन मिरा दिलबर महकता है

सड़क पर ठोकरें दुनिया की वो खाता रहा बरसों
उसे मंदिर में जब रक्खा वही पत्थर महकता है

तिरा भीगा बदन इक दिन नज़र से छू लिया मैं ने
उसी दिन से मिरी आँखों का हर मंज़र महकता है
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Chandra Shekhar Varma
इतनी आसानी से गर तुझ को ख़ुदा मिल जाएगा
फिर तो तेरी वहशतों को हौसला मिल जाएगा

तिकड़मों से तुझ को जन्नत का पता मिल जाएगा
पर सिफ़ारिश से वहाँ क्या दाख़िला मिल जाएगा

तीरगी तो बस तमाशा देखती रह जाएगी
आंधियों से साज़िशन बुझता दिया मिल जाएगा

बेचना तो है नहीं ईमान फिर भी बोलिए
इस का बाज़ारों में हम को दाम क्या मिल जाएगा

आँख है घर दिल गली ये जिस्म उन का शहर है
डाकिया को मुझ में ही उन का पता मिल जाएगा

झूटी शक्लों को है मुश्किल ख़ुद को वो देखें कहाँ
सच्चे चेहरों को तो फिर भी आइना मिल जाएगा

सच तो ये है फिर से उस की बातों में आ जाएँगे
आज भी हम को अगर वो बेवफ़ा मिल जाएगा

आप के नख़रे उठाएँ हर घड़ी मिन्नत करें
जाइए इतने में तो हम को ख़ुदा मिल जाएगा

ना-उमीदी में भी मेरी पुर-उमीदी देखिए
वो हुआ मिल कर जुदा हो कर जुदा मिल जाएगा
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Chandra Shekhar Varma
ये मुकर्रर और ये इरशाद ज़िंदाबाद
शे'र को समझे बिना दी दाद ज़िंदाबाद

क़ैस राँझा रोमीयो फ़रहाद ज़िंदाबाद
इश्क़ में जो भी हुआ बर्बाद ज़िंदाबाद

दिल को मेरे कर रही आबाद ज़िंदाबाद
तू है ज़िंदा बाद तेरी याद ज़िंदाबाद

एक तिनके ने बचा ली डूबते की जान
है बहुत छोटी तो क्या इमदाद ज़िंदाबाद

है क़फ़स इस जिस्म का माना बहुत मज़बूत
फिर भी ताइर रूह का आज़ाद ज़िंदाबाद

भीड़ का हिस्सा हो तुम तो भीड़ के ही साथ
ज़ोर से बोलो हमारे बाद ज़िंदाबाद

बख़्श दी जाएँ हमारे क़ातिलों की जान
आख़िरी मक़्तूल की फ़रियाद ज़िंदाबाद

देखिए बदले हैं कैसे बाग़ के हालात
बुलबुलें भी कहती हैं सय्याद ज़िंदाबाद

यूँ तो बिल्कुल राएगाँ थी आप की तक़रीर
पर इसी तक़रीर की रूदाद ज़िंदाबाद
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Chandra Shekhar Varma