Rabiya Khanam

Rabiya Khanam

@khanamrabiya45

Rabiya Khanam shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Rabiya Khanam's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
दुनिया जो चाहती थी वो हमसे हुआ नहीं
हमने ज़मीर का कभी सौदा किया नहीं

कर के यक़ीन उसका ख़सारे में पड़ गई
सब मुझसे कह रहे थे वो अहल-ए-वफ़ा नहीं

कह तो रहा है ख़ुश है जुदा हो के मुझसे वो
पर उसकी शक्ल से मुझे ऐसा लगा नहीं

कब तक सफ़ाई अपनी यूँ देता रहेगा तू
चल छोड़ मैंने माना की तेरी ख़ता नहीं

ऐसी अदालतों का भला क्या ही फ़ाएदा
दिल तोड़ने की मिलती है कोई सज़ा नहीं

दिल हर जगह लगाना तिजारत का तौर है
दिल इक जगह ही लगता है यूँ जा-बजा नहीं

पहले लगा के आओ तो राह-ए-ख़ुदा में कुछ
फिर देखना कि होता है क्या-क्या अता नहीं

कुछ दे के ही तो मिलता है दुनिया में कुछ हमें
बिन भीख के भिखारी भी देता दुआ नहीं

दुख अपना अपना सबको है इस काएनात में
वो कौन है जो ग़म में यहाँ मुब्तला नहीं

बदला है ख़ुद को इतना कि हैरत में हैं सभी
जो मिलता है ये कहता है तुम 'राबिया' नहीं
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Rabiya Khanam