प्यार में तेरे ऐसा भी मुकाम आया है
प्यार में तेरे ऐसा भी मुकाम आया है
दीद की तमन्ना है फासलों का साया है
तुझे याद किया
दिल शाद किया
कुछ कहते हैं सब
बर्बाद किया
फिक्र किसे, जब साथ तेरा सरमाया है
दीद की तमन्ना है फासलों का साया है
मेघ वापस किये
जलने दो हिय
विष ये मीठा है
अमृत क्यों पिये
मन को अपने, कैसे-कैसे भरमाया है
दीद की तमन्ना है फासलों का साया है
हवा से मिलके
कहे राज़ दिल के
तुमसे जताए ये
होठों को सिलके
होगी रुसवाई, गर सुनता कोई पराया है
दीद की तमन्ना है फासलों का साया है
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