Sabir Abuhari

Sabir Abuhari

@sabir-abuhari

Sabir Abuhari shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Sabir Abuhari's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
तुम न आओगे तो क्या हो जाएगा
दर्द ख़ुद बढ़ कर दवा हो जाएगा

जो ख़ुदी से आश्ना हो जाएगा
महरम-ए-राज़-ए-बक़ा हो जाएगा

क्या पिलाओगे किसी सुक़रात को
ज़हर तो आब-ए-बक़ा हो जाएगा

हम करेंगे जब नवा-ए-हक़ बुलंद
इक ज़माना हम-नवा हो जाएगा

पारसाई देखती रह जाएगी
बाब-ए-रहमत हम पे वा हो जाएगा

शौक़-ए-मंज़िल शर्त है ऐ राह-रौ
ज़र्रा ज़र्रा रहनुमा हो जाएगा

बारगाह-ए-हुस्न पर कर दो निसार
ज़िंदगी का हक़ अदा हो जाएगा

नाज़ क्या है ज़िंदगी के साज़ पर
एक दिन ये बे-सदा हो जाएगा

हम ने पूजा था किसी को प्यार से
क्या ख़बर थी वो ख़ुदा हो जाएगा

इफ़्फ़त-ए-क़ल्ब-ओ-नज़र पैदा तो कर
हुस्न मजबूर-ए-वफ़ा हो जाएगा

काम ले 'साबिर' तू सब्र-ओ-शुक्र से
उस की जो होगी रज़ा हो जाएगा
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Sabir Abuhari
हक़ीक़त बन गई ख़ुद ही हिजाब आहिस्ता आहिस्ता
नज़र को ले मरा ज़ौक़-ए-सराब आहिस्ता आहिस्ता

तड़प पैदा तो कर दिल में रुख़-ए-ज़ेबा के सौदाई
सरक जाएगा ख़ुद उन का नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता

सलीक़ा आ गया है शैख़ को भी होश-मंदी का
लगा है माँगने जाम-ए-शराब आहिस्ता आहिस्ता

जहान-ए-आब-ओ-गिल भी देखने की चीज़ थी लेकिन
बशर ने कर दिया उस को ख़राब आहिस्ता आहिस्ता

कोई दिन के हैं जल्वे मस्तियाँ भर दो फ़ज़ाओं में
गुज़र जाएगा ये अहद-ए-शबाब आहिस्ता आहिस्ता

बशर अब रोकने को है मह-ओ-अंजुम की गर्दिश को
ये देखेगा ख़ुदाई के भी ख़्वाब आहिस्ता आहिस्ता

ये रूदाद-ए-मोहब्बत है इसे कहना तहम्मुल से
सुना जाएगा ऐ 'साबिर' ये बाब आहिस्ता आहिस्ता
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Sabir Abuhari
शम्अ' की नज़रों में सौदाई है परवाना अभी
सोज़-ओ-साज़-ए-इश्क़ से है हुस्न बेगाना अभी

आस्तान-ए-नाज़ से दुनिया है बेगाना अभी
कोई काबा ढूँडता है कोई बुत-ख़ाना अभी

कुछ बगूलों और कुछ ज़र्रों में हैं सरगोशियाँ
दश्त से गुज़रा है शायद कोई दीवाना अभी

उस ने जज़्ब-ए-इश्क़ की तासीर देखी ही नहीं
अपने जल्वों पर है नाज़ाँ हुस्न-ए-जानाना अभी

क्या हुई तेरी निगाह-ए-मस्त की सरमस्तियाँ
होश में बैठा हुआ है तेरा दीवाना अभी

तेरे ज़ौक़-ए-दीद में रंग-ए-कलीमाना नहीं
वर्ना वो ख़ुद चल के आए बे-हिजाबाना अभी

अक़्ल-ए-नादाँ के तसर्रुफ़ में हैं लाखों गुलिस्ताँ
इश्क़ की क़िस्मत में ऐ 'साबिर' है वीराना अभी
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Sabir Abuhari