Alok Yadav

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@alok-yadav

Alok Yadav shayari collection includes sher, ghazal and nazm available in Hindi and English. Dive in Alok Yadav's shayari and don't forget to save your favorite ones.

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  • Ghazal
खुला है ज़ीस्त का इक ख़ुशनुमा वरक़ फिर से
हवा-ए-शौक़ ने की है यहाँ पे दक़ फिर से

पुकारता है मुझे कौन मेरे माज़ी से
कि आज रुख़ पे मिरे छा गई शफ़क़ फिर से

ख़फ़ा ख़फ़ा से हैं आख़िर जनाब-ए-नासेह क्यूँ
किसी ने कर दिया क्या आज ज़िक्र-ए-हक़ फिर से

किसी से रूठ गए या किसी का दिल तोड़ा
जबीं पे आ गया क्यूँ आप की अरक़ फिर से

मियान-ए-दिल कोई लेती है टीस अंगड़ाई
वही है रंज वही ग़म वही क़लक़ फिर से

न निकलो चाँदनी रातों में कितनी बार कहा
हुआ है चाँद के चेहरे का रंग फ़क़ फिर से

बस एक तजरबा काफ़ी है ज़िंदगी के लिए
पढ़ा न जाएगा हम से वही सबक़ फिर से

यही निज़ाम-ए-ज़माना यही तग़य्युर है
जो सहल है वही हो जाएगा अदक़ फिर से

कहीं क़रीब ही बादल बरसते हैं 'आलोक'
हवाएँ लाई हैं ख़ुनकी की कुछ रमक़ फिर से
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Alok Yadav
इक ज़रा सी चाह में जिस रोज़ बिक जाता हूँ मैं
आइने के सामने उस दिन नहीं आता हूँ मैं

रंज ग़म उस से छुपाता हूँ मैं अपने लाख पर
पढ़ ही लेता है वो चेहरा फिर भी झुटलाता हूँ मैं

क़र्ज़ क्या लाया मैं ख़ुशियाँ ज़िंदगी से एक दिन
रोज़ करती है तक़ाज़ा और झुंझलाता हूँ मैं

हौसला तो देखिए मेरा ग़ज़ल की खोज में
अपने ही सीने में ख़ंजर सा उतर जाता हूँ मैं

दे सज़ा-ए-मौत या फिर बख़्श दे तू ज़िंदगी
कश्मकश से यार तेरी सख़्त घबराता हूँ मैं

मौन वो पढ़ता नहीं और शब्द भी सुनता नहीं
जो भी कहना चाहता हूँ कह नहीं पाता हूँ मैं

ख़्वाब सच करने चला था गाँव से मैं शहर को
नींद भी खो कर यहाँ 'आलोक' पछताता हूँ मैं
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