मुझको पसंद करते हैं लाखों हज़ार लोग
अब वाह-वाह करके लुटाते हैं प्यार लोग
सुनकर ग़ज़ल पसंद उसे कर रहे सभी
मेरी नई ग़ज़ल का करें इंतिज़ार लोग
कुछ ख़ास लोग याद रखेंगे मुझे सदा
गिनती में कम से कम वो रहेंगे हज़ार लोग
इक उम्र दी गुज़ार यही सोचते हुए
क्यों बात को इधर से उधर करते चार लोग
दुनिया को बात कौन-सी अच्छी नहीं लगी
ये सोचते रहेंगे सदा बेशुमार लोग
जीवन ख़ुशी ख़ुशी ही सदा जीना चाहिए
हँसते हुए मिलेंगे सभी शानदार लोग
घाटा कभी नहीं हो सकेगा उन्हें बशर
करते सही निवेश सदा होशियार लोग
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