हम को तो बस प्यास दिखाना होता था
उस को दरिया बन कर आना होता था
मुझ को कोई धुन जब सुननी होती थी
उस को अपना आँख दिखाना होता था
जब जब भी मुझ को मरने की ख़्वाहिश थी
उसने मुझको आग लगाना होता था
हम को तो बस पेड़ लगाने होते थे
तुम को भी बस दश्त जलाना होता था
तुम भी हर पल मुश्किल में ही रहते थे
तुमने भी फिर तीर चलाना होता था
मेरे घर पर इक दरिया जो रहती थी
उस को सब ने आग बनाना होता था
मेरी दर दीवारें चीखा करती थीं
उनको जब वहशत में आना होता था
उस लड़की की बातें मुझ पर जादू थीं
हर उस पल जब जब मैं काना होता था
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