एक लड़की को जहाँ में बे सहारा देखकर
लोग आते जाते हैं घर उसके मौक़ा देखकर
जो यहां झगड़ा हुआ वो तेरे ही घर में हुआ
सब चलें जाते हैं अपने घर तमाशा देखकर
चमचमाते चाँद को इग्नोर कर देता हूँ मैं
मुस्कुराती लड़की को खिड़की में बैठा देखकर
दोस्ती में प्यार की कोई कमी हरगिज़ नहीं
दोस्त भी कम हो गए हैं थोड़ा पैसा देखकर
रूठ जाए वो अगर मुझसे तो रोने लगता हूं
जो नहीं रोता कभी भी मुझको रोता देखकर
ये ज़माना है नए फ़ैशन चमकती जींस का
अच्छा लगता है तिरे सर पर दुपट्टा देखकर
है गुज़ारी बाद तेरे मैने अपनी ज़िंदगी
दिन को पंछी देखकर और शब में चंदा देखकर
मंज़िलें तो संगमरमर जैसी मिलती हैं मगर
लोग घबरा जाते हैं बस कच्चा रस्ता देखकर
Read Full