तेरे जितने ज़्यादा लोग क़रीब हुए
वो सब मेरे सबसे बड़े रक़ीब हुए
आप तो छूने से ही कर देते हैं इलाज
अब के सबसे आला आप तबीब हुए
नाज़ तो करती होंगी चूड़ियाँ ख़ुद पर जो
इन को तेरे प्यारे हाथ नसीब हुए
आप ने ही तो इश्क़ सिखाया है मुझ को
यानी सबसे अच्छे आप ख़तीब हुए
वो बद हो कर भी हो गए हैं दौलत-मंद
हम ख़ुश-ख़ुल्क़ी रख कर के भी ग़रीब हुए
तारीख़ उठा के देख अधूरे हैं सारे
जो उल्फ़त के क़िस्से हैं सब अजीब हुए
उन के दिल में प्यार ही प्यार मुनव्वर है
जब से उन के शाइर 'मिलन' हबीब हुए
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