अब भी मेरे इश्क़ का उसमें उनवान होता होगा - Chetan Verma

अब भी मेरे इश्क़ का उसमें उनवान होता होगा
उसकी बातों में मेरा लहजा मेहमान होता होगा

कहीं तो होते होंगे इन काफ़िरों के सज्दे मंज़ूर
कहीं पे तो कर्मों का कोई भगवान होता होगा

ये शहर भर की आँखें लगी दुआओं में है जिसके
उसके लिए ख़ुदा ख़ुद भी तो परेशान होता होगा

है ख़ुश हाल नहीं निकला नगरी से इश्क़ की कोई
तुमको फिर भी लगता है इश्क़ आसान होता होगा

जो लोग देखते हैं बस आँखों से ही ये दुनिया
उनको लग सकता है शजर भी बेजान होता होगा

क़ैद रहा महलों में ताउम्र जो परिंदा चेतन
उसे हवा का इक झोंका भी तूफ़ान होता होगा

- Chetan Verma
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