इस राह में अक्सर है अज़िय्यत उसे कहना
ज़्यादा न करे हम से मोहब्बत उसे कहना
रह जाएगी दुनिया में ही दौलत उसे कहना
हमराह में जाएगी इबादत उसे कहना
गर हो सके वो सीख ले आदाब-ए-जुदाई
हासिल नहीं होती है मोहब्बत उसे कहना
हम लोग परस्तार-ए-ख़ुदा-वंद-ए-जली हैं
हम दिल में नहीं रखते अदावत उसे कहना
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