हम हैं गुलशन में जूँ इक ख़ार हमारा क्या है

  - Shadab Shabbiri

हम हैं गुलशन में जूँ इक ख़ार हमारा क्या है
तुम रहो गुल के परस्तार हमारा क्या है

तुम जिधर जाओ उधर जाए हुजूम-ए-याराँ
हम हैं बे-यार-ओ-मददगार हमारा क्या है

आप हो जाएँ मियाॅं औज-ए-सुरैया पे मुक़ीम
हम तो हैं बे-बस-ओ-लाचार हमारा क्या है

आप ही छाए हैं सरकार सभी सूबों में
आपकी मरकज़ी सरकार हमारा क्या है

आप चोरों से डरें आप हैं दौलत वाले
हम तो हैं बे-ज़र-ओ-दीनार हमारा क्या है

इक ज़माने से ही शादाब ग़म-ए-दुनिया से
हम रहे बर-सर-ए-पैकार हमारा क्या है

  - Shadab Shabbiri

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