किसी के ख़ौफ़ में आकर जो काम करते हैं
वो काम करते हैं लेकिन हराम करते हैं
ओ प्यारी लड़की हमें आपसे मोहब्बत है
ये कहके इश्क़ की हुज्जत तमाम करते हैं
कभी क़ज़ा नहीं करते हैं इस इबादत को
तुम्हारा ज़िक्र हर इक सुब्ह-ओ-शाम करते हैं
हमारी नज़रों में जो फूल से भी नाज़ुक हैं
वो तल्ख़ लहजे में हमसे कलाम करते हैं
मोहब्बत एक इबादत है इसको करते रहो
ये बात चलिए ज़माने में आम करते हैं
हो तुम हयात अभी तक फ़िराक़-ए-यार के बाद
तुम्हारे हौसले को हम सलाम करते हैं
ये इश्क़ विश्क़ सुनो अपने बस की बात नहीं
चलो मियाँ चलो कुछ और काम करते हैं
तुम उसका नाम न लो अपनी बद ज़बान से यार
हम उसके नाम का भी एहतराम करते हैं
वो आज हमसे मुलाक़ात करने आएँगे
शजर उठो चलो कुछ इंतिज़ाम करते हैं
तपिश है तश्ना-लबी है ये राहरौ ने कहा
शजर की छाँव में चलकर क़याम करते हैं
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